श्री चैतन्य पहली बार 20 वीं शताब्दी की शरद ऋतु में अकादमिक क्षितिज पर उभरे और 21 वीं सदी के वसंत में पलक झपकते ही सभी आयामों में आगे बढ़ गए, जिसमें खुद को सबसे बड़ा शैक्षिक समूह माना गया। पिछले ढाई दशकों ने श्री चैतन्य को शैक्षिक कार्यक्रमों के साथ एक कोलोसस की तरह शिक्षा की रेत पर चलते देखा, जिसने छात्रों को देश के प्रमुख इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में एक दर्दनाक प्रवाह में भेजा।